Those who have not seen Rahul Gandhi's speech in Parliament on 14 December 24, should watch it in full. In the entire speech, Rahul Gandhi thrashed RSS and BJP on every issue. Rahul Gandhi was in terrible form yesterday, that's why when Chairman Om Birla interrupted him for the first time, he gave him such a precise answer on the spot that Om Birla could not even dare to interrupt Rahul Gandhi again. Rahul Gandhi tried to touch every topic, whether it was the matter of Adani looting the country? Or the issue of caste census? Or the issue of not providing employment? Or the issue of women harassment? Or the issue of government's oppression on farmers? Or the issue of Savarkar who sat in the lap of the British during the freedom struggle? Rahul Gandhi tore apart the ruling party on all topics. Rahul Gandhi's speech was so precise that the ruling party could not even protest properly. The way Rahul attacked on the subject of Veer Savarkar, there was silence in the entire ruling party. They were left bewildered.
BJP and RSS have been worshipping Savarkar for years, but if you listen to what Veer Savarkar's ideology was about the Constitution of India, you will feel ashamed. As per Rahul Gandhi, Veer Savarkar had given a statement attacking the Indian Constitution.
"The worst thing about the Indian Constitution is that there is nothing Indian in it."
It is clear from the above statement that Veer Savarkar not only took pension by sitting in the lap of the British, but he also had deep objection to the Constitution written by Baba Bhimrao Ambedkar. He had made fun of it in a way.
Now any innocent person can easily guess that a person who does not even trust his Constitution, how dangerous will that person prove to be for the country?
When farming was like this, then how will the production of the next generation be? It can be guessed. That is why the entire opposition is shouting that the people of BJP and RSS want to wipe out Baba Saheb's constitution from its roots. They want to remove it. It is the compulsion of the entire BJP, RSS and Modi that despite not having faith in the constitution, they have to pretend by holding the constitution to their foreheads with a heavy heart in the parliament. Despite abusing Mahatma Gandhi in homes and other special places, they are forced to hold Gandhiji's feet in public places. This double character has made all the people of BJP and RSS hateful and violent from within, that is why their politics is based on violence, bloodshed and religious provocative speeches. It is not that the people of India are not recognizing their conduct, character and face. They are recognizing and understanding them very well. But some "blind devotees" are completely trapped in their love trap today. They are applauding them for the destruction of their country. As Priyanka Gandhi Vadra had warned BJP and RSS in her first parliamentary speech ---
"This country does not support cowards for long." Will this country also stand up again after getting rid of the clutches of all these cowards? And will it run again? Have faith.
https://www.youtube.com/live/f_a5zHAg9hE?si=xFx49yTQlh4dsVZn
हिन्दी रुपांतरण
जिन लोगों ने राहुल गांधी का संसद में 14 दिसंबर 24 का भाषण नहीं देखा है, उन्हें वह पूरा देखना चाहिये ?
पूरे भाषण में राहुल गांधी ने हर मुद्दे पर RSS व बीजेपी को धोकर रख दिया। कल राहुल गांधी भंयकर फार्म में थे, तभी तो सभापति ओम बिड़ला के पहली बार टोकने पर उन्होंने उन्हें मौके पर ही ऐसा सटीक जबाब दिया, कि ओम बिड़ला दोबारा राहुल गांधी को टोकने का साहस भी नहीं कर पाये।
हर विषय को राहुल गांधी ने छूने की कोशिश की, फिर वो चाहे अडानी को देश लुटाने का मामला हो ? या जाति जनगणना का विषय हो ? रोजगार न देने की बात हो ? या महिला उत्पीडन का मामला रहा हो ? किसानों पर सरकार के दमन का प्रकरण हो ? या आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के गोद में बैठने वाले सावरकर का विषय हो ?
सभी विषयों पर राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष की बखिया उधेड़ कर रख दी। राहुल गांधी का भाषण इतना सटीक था, कि सत्ता पक्ष ठीक प्रकार से विरोध भी प्रकट नहीं कर सका ? वीर सावरकर के विषय पर जिस प्रकार से राहुल ने आक्रमण किया, उसे सुनकर पूरे सत्ता पक्ष में खामोशी छा गई ? सिर्फ किंकर्तव्यविमूढ़ की तरह रह गये।
बीजेपी व RSS वर्षों से सावरकर की पूजा करती आई है, पर वीर सावरकर की भारत के संविधान के बारे में क्या आइडोलाजी थी, को सुनेगें, तो शर्म आ जायेगी ? राहुल गांधी के कथनानुकसार वीर सावरकर ने भारतीय संविधान पर चोट करते हुए अपना वक्तव्य दिया था-------
"भारतीय संविधान के बारे में सबसे बुरी बात यह है, कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है।"
उक्त वक्तव्य से स्पष्ट हो जाता है, कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों की गोद में बैठकर पेंशन ही नहीं ली थी, बल्कि उन्हें बाबा भीमराव अम्बेडकर के लिखे संविधान से भी गहरी आपत्ति थी। जिसका उन्होंने एक प्रकार से मजाक उड़ाया था।
अब कोई भी अबोध सा व्यक्ति इस बात का सहज अनुमान लगा सकता है, कि जो व्यक्ति अपने संविधान पर भरोसा तक न रखता हो, वो व्यक्ति देश के लिए कितना घातक सिद्ध होगा ?
जब खेती ऐसी थी, तो उसके आगे की नस्ल की पैदावार कैसी होगी ? अनुमान लगाया जा सकता है। इसीलिए पूरा का पूरा विपक्ष चीख-चीखकर बोल रहा है, कि बीजेपी व RSS के लोग बाबा साहेब के संविधान को जड़ से मिटाना चाहते है। उसे हटाना चाहते है।
यह समूची बीजेपी, RSS व मोदी की मजबूरी है, कि उन्हें संविधान में आस्था न होने के बावजूद संसद में भारी मन से संविधान को माथे से लगाकर नाटक करना पड़ता है ? घरों व अन्य विशेष जगहों पर महात्मा गांधी को गाली देने के बावजूद भी सार्वजनिक स्थानों पर गांधी जी के पैर पकड़ने को मजबूर होना पड़ता है ?
यह दोहरा चरित्र जीते-जीते समस्त बीजेपी व RSS के लोग अंदर से बेहद नफरती व हिंसक हो चुके है, तभी तो इनकी राजनीति हिंसा, खून-खराबे, व धार्मिक भड़काऊ भाषणों पर टिकी हुई है।
ऐसा नहीं है, कि भारत की जनता इनके चाल-चरित्र व चेहरे को पहचान नहीं रही है ? बखूबी पहचान भी रही है, ओर समझ भी रही है। पर कुछ "अंधभक्त" आज इनके मोहपाश में पूरी तरह फंसे हुए है ? वे अपने देश की बर्बादी पर इनके लिए तालियां पीट रहे है।
जैसा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने पहले संसदीय भाषण में बीजेपी व RSS को चेताते हुए कहा था कि ---
"ये देश कायरों का बहुत समय तक साथ नहीं देता है ।" यह देश भी इन समस्त कायरों के चुंगल से छूटकर एक बार फिर खड़ा होगा ? और दोबारा चलेगा ? विश्वास रखिए।
https://www.youtube.com/live/f_a5zHAg9hE?si=xFx49yTQlh4dsVZn
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