Today, power is in the hands of the wrong people, and it is being misused to the extent it can be misused.
Misuse of EVMs, misuse of ED, misuse of IT, misuse of CBI, misuse of the judicial system, and the latest case is misuse of the administration to prevent people of a particular community from voting.
So far, BJP has been conspiring to divide Hindus and Muslims from the platforms, but this is the first time in the UP by-elections that the police administration was used to make concrete arrangements to prevent Muslims from casting their votes.
Muslims were duly intimidated and threatened by the police administration so that they could not reach the polling booth. This open hooliganism could not have been committed without the nod of the ruling party?
Since the matter had been highlighted loudly in the media at that time, and the Election Commission woke up only after opposition leader Akhilesh Yadav put in a lot of pressure. The Election Commission, unwillingly, took action on this matter and hushed it up with a heavy heart.
The sole purpose of this incident was to break the spirit of Muslims to vote in future and choke democracy forever. This is what the BJP and RSS people want.
Yes, this is a difficult time and it will remain so till the BJP is in power at the centre. The BJP and especially Modi, Shah and Yogi have put the entire democracy of India in danger ever since they have come to power.
If Muslims fall prey to the conspiracy of the BJP and the RSS and start shying away from going to the polling booth, then the opposition will become weaker and the ruling party's arbitrariness will become more fearless.
That is why it is important that Muslims, even if it is difficult, must exercise their right to vote from time to time. This is the last resort to keep democracy alive.
It is not that BJP and RSS will be able to fool the people of the country for a long time. But keep in mind that at present foxes are in power, that is why stealing chicken will not be considered a crime.
But just like a new dawn comes after every dark night, in the same way whenever the veil of right and wrong will be removed from the eyes of blind devotees, the picture of India will definitely change that day. We just have to wait for that dawn.
हिन्दी रुपांतरण
आज सत्ता गलत लोगों के हाथ में है, और उसका जितना दुरुपयोग किया जा सकता है, उसे जमकर किया जा रहा है।
ईवीएम का दुरुपयोग, ईडी का दुरुपयोग, आई टी का दुरुपयोग, सीबीआई का दुरुपयोग, न्याय प्रणाली का दुरुपयोग, और ताजा मामला विशेष समुदाय के लोगों को वोट न दे पाये, इसके लिए प्रशासन का दुरुपयोग भी सामने आया है।
बीजेपी अब तक मंचों से ही हिंदू-मुसलमान को बांटने का षड़यंत्र रचती आई थी, पर यूपी के उपचुनाव में यह पहली बार हुआ है, कि मुसलमान वोट ही न डाल सके, इसके पुख्ता प्रबंध करते हुए पुलिस प्रशासन का उपयोग किया गया।
मुसलमान पोलिंग बूथ तक न पहुंच सके, इसके लिए बाकायदा उन्हें पुलिस प्रशासन द्वारा डराया व धमकाया गया। यह खुली गुंडागर्दी सत्ता पक्ष के इशारे के बिना कारित की ही नहीं जा सकती थी ?
चूंकि मामला उस समय मीडिया में जोर-शोर से हाईलाइट हो चुका था, और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव के बहुत जोर लगाने पर चुनाव आयोग की नींद टूटी। न चाहते हुए भी चुनाव आयोग ने बड़े दुखी मन से इस मामले पर एक्शन लेकर रफा-दफा किया।
इस घटना को अंजाम देने का मतलब ही यहीं था, कि मुसलमानों के हौसले आगे भी वोट डालने के लिए टूट जाये, और लोकतंत्र का गला हमेशा के लिए दबा रह जाये। यहीं तो बीजेपी व आर एस एस के लोग चाहते है।
हां, यह समय कठिन है, और तब तक कठिन है, जब तक बीजेपी केन्द्र की सत्ता में काबिज है। बीजेपी और खास तौर पर जबसे मोदी शाह और योगी सत्ता पर काबिज हुए है, तब से इन्होंने भारत के समूचे लोकतंत्र को खतरे में डाल रखा है।
यदि मुसलमान बीजेपी व आर एस एस के षड़यंत्र में आकर पोलिंग बूथ पर जाने से कतराने लगेगें, तो विपक्ष और कमजोर और सत्ता पक्ष की मनमानी और बेधड़क हो जायेगी।
इसीलिए यह जरूरी है, कि मुसलमान कठिनाई से ही सही, पर अपने मताधिकार का प्रयोग समय-समय पर अवश्य करते रहें। यहीं लोकतंत्र को जिंदा रखने का आखिरी उपाय है।
ऐसा नहीं है,कि बीजेपी व आर एस एस बहुत समय तक देश की जनता को उल्लू बनाकर रख पायेगें ? पर ध्यान रखे, कि वर्तमान में सत्ता पर लोमड़ियों का राज्य है, इसीलिए मुर्गी चुराना अपराध की श्रेणी में नहीं आयेगा।
परन्तु जैसे हर अंधेरी रात के बाद एक नया सवेरा अवश्य आता है, उसी प्रकार जब भी अंधभक्तों की आंखों के सामने से सही व गलत का पर्दा हटेगा, उस दिन भारत की तस्वीर अवश्य बदलेगी। बस उस सुबह का इंतजार करना होगा।
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