The money from the electoral bonds of Modi, the king of donations, is flowing out in abundance during the election period. Every day Modi's men are being caught with bundles of money here and there.
Seeing all this, the ED, CBI, IT and Election Commission are sitting with their eyes closed, as if nothing has happened. This is called the sign of the end of democracy.
Seeing all this, the intellectuals of the country are definitely worried, they can clearly see that Modi has derailed the country's train, now the reins of the country are in the hands of only a few industrialists, the common people are remembered only for votes.
A stupid creature called "Andhbhakt" has also started being found among the common people since 2014, who considers only five kilos of grain as everything, and starts dancing on seeing Modi's picture. Although this creature is a burden on the society as well as for Modi, but Modi also knows very well how to trap these pigeons by feeding them grains.
हिन्दी रूपांतरण
चंदा वसूली किंग मोदी का इलेक्टोरल बांड का रुपया चुनावी समय में फूट-फूटकर बाहर निकल रहा है। हर दिन मोदी के व्यक्ति यहां-वहां रुपयों की गड्डीयों में पकड़े जा रहे है।
ये सभी कुछ होता देख ईडी, सीबीआई, आईटी व चुनाव आयोग अपनी आंखें मूंदकर बैठा है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। इसी को लोकतंत्र खत्म होने का संकेत बोलते है।
यह सब कुछ देख देश के बुद्धिजीवी अवश्य चिंतित रहते है, उन्हें साफ-साफ दिखाई दे रहा है, कि देश की गाड़ी मोदी ने पटरी से उतार दी है, अब देश की बागडोर सिर्फ चंद उघोगपतियों के हाथों में रह गई है, आम जनता को केवल वोट के लिए ही याद किया जाता है।
आमजन में भी "अंधभक्त" नामक एक बेवकूफ प्राणी भी 2014 से पाया जाने लगा है, जो सिर्फ पांच किलो अनाज को ही सभी कुछ मानता है, और मोदी की तस्वीर देखकर ही डांस करने लगता है। वैसे तो ये प्राणी समाज पर भार होने के साथ-साथ मोदी के लिए भी भार ही है, पर मोदी भी इन कबूतरों को दाना खिलाकर फंसाना अच्छी तरह जानता है। 😃😃
No comments:
Post a Comment