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sycophancy (चाटुकारिता )





In the picture, the President, the Vice President and the Chairman are standing in front of the Prime Minister with folded hands, and there is no need to tell what kind of posture the arrogant Prime Minister is standing in.  It is a different matter that all three persons are holding high positions but are not able to follow the dignity of the post.

        On the other hand, the Prime Minister is standing with folded hands in front of Adani, and it is clear in what posture he is.

      The decorum of posts is not being followed in both the pictures.  If anything is extreme then it is sycophancy.

       A person holding a constitutional post has to work not for himself but for the dignity of the post.  This picture also shows that in the Modi era, only robots are occupying high positions, who only serve their boss, they are not concerned about the existence of the post.  Our country is indeed changing.



हिन्दी रुपांतरण


चित्र में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व सभापति तीनों हाथ जोड़े प्रधानमंत्री के सामने खड़े है, और अहंकारी प्रधानमंत्री किस तरह की मुद्रा में खड़े है, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। यह बात अलग है, कि तीनों व्यक्ति उच्च पदों पर आसीन तो है, पर पद की मर्यादा का पालन नहीं कर पा रहे है। 

       वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री अडानी के सामने हाथ जोड़े खड़े है, और वह किस मुद्रा में है, स्पष्ट है। 

     पदों की मर्यादा का पालन दोनों ही तस्वीरों में नहीं हो रहा।  यदि कुछ चरम पर है तो वह है चाटुकारिता।

      संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्ति को खुद के लिए नहीं, अपितु पद की मर्यादा के लिए कार्य करने होते है । यह तस्वीर यह भी बताती है, कि मोदीकाल में उच्च पदों पर सिर्फ रोबोट बैठे है, जो सिर्फ अपने मालिक के लिए जी हुजूरी करते है, पद के अस्तित्व की उनको कोई चिंता नहीं।  वाकई हमारा देश बदल रहा है।

 

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