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तेल के खेल में फंसा भारत (India stuck in the oil game)




America has banned all countries from buying petrol from Russia. 


Although the ban was already there, but now America will stop the ships carrying petroleum products at the ports, due to which the inflow and outflow of oil will stop completely. 


This can have a huge impact on India. The reason is, till now India was buying 40 percent crude oil from Russia in Indian Rupees or Russian currency, apart from this Russia was giving India 20 to 30 percent cheaper oil as compared to the international price. So in such a situation India neither had to spend dollars, and oil was also available at a discount. 


America was getting indigestion seeing all this. It used to advocate stopping India from buying Russian oil from time to time. But India was not going to listen to America either. It was continuously lifting the goods.


    Finally, America has used its last weapon and banned India and other countries from buying Russian oil. 


Although India has a stock of oil for two months, but the way the price of crude oil is increasing on the international stage and on the other hand the value of Indian Rupee has fallen, India's worries have increased further. 


Now going forward, India will have to buy oil from any OPEC country as per the international price and most importantly, it will have to pay for it in dollars. 


By the way, America wants India to buy oil from it. That is why it has played this trick. In which India can get trapped anytime. 


However, till now Modi has not allowed the common people to take advantage of the cheap Russian oil. He was using this oil only in Ambani's refinery and Adani's main project. He was sucking the blood of the common public by selling oil to them at high prices. 


That is why Modi was getting cursed by crores of Indians every day.  The result of which is that now even Adani and Ambani will not be able to get cheap oil. 


India was definitely getting cheap oil from Russia, but the common man was not getting a single penny's benefit. Now when America has imposed a ban on it, will the common people bear the burden of the increased price and pay for it? 


That means the public will suffer loss from both sides. If the oil is cheap, Modi will not reduce the price of oil, and if it is expensive, he will immediately increase the price. 


Modi will definitely compensate the loss of Ambani and Adani by bringing some concessional scheme. After all, they give huge donations to the BJP party. But take this in writing, Modi will never compensate the common people while he is alive. 


Despite all this, when the crazy public chants "Modi-Modi" in every meeting, it seems that this country has really become a "country of fools".



हिन्दी रुपांतरण 


अमेरिका ने रूस से पैट्रोल लेने पर सभी देशों को प्रतिबंधित कर दिया है।  

       वैसे प्रतिबंध तो पहले से था, परन्तु अब पैट्रोलियम पदार्थ ले जाने वाले जहाजों को अमेरिका बंदरगाहों पर रोक देगा, जिससे तेल की आवक-जावक एकदम से ठहर जायेगी।  

      

       भारत पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।  कारण, भारत अभी तक चालीस प्रतिशत कच्चा तेल रूस से भारतीय रूपयें में या रूसी मुद्रा में खरीद रहा था, इसके अलावा रूस भारत को 20 से 30 प्रतिशत सस्ता तेल अंतरराष्ट्रीय कीमत के मुकाबले दे रहा था।  तो ऐसी अवस्था में भारत को न तो डालर खर्च करना पड़ रहा था, और तेल भी डिस्काउंट पर मिल रहा था।  


       यह सब कुछ देख अमेरिका को बदहजमी हो रही थी।  वह जब-तब भारत को रूसी तेल खरीदने से रोकने की वकालत तो करता था।  पर भारत भी कहां अमेरिका की नहीं सुनने वाला ?  वो निरंतर माल उठाये जा रहा था। 


       आखिरकार अमेरिका ने आखिरी अस्त्र फेंककर भारत समेत अन्य देशों को रूसी तेल खरीदने से प्रतिबंधित कर दिया है। 


      हालांकि, भारत के पास दो माह के तेल का पर्याय भंडार है, परन्तु जिस तरह अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे है, और दूसरी तरफ भारत का रूपया औंधें मुंह गिरा हुआ है, उससे भारत की चिंताएं और बढ़ गई है।  


       अब उसे आगे चलकर भारत को ओपेक के किसी देश से अंतरराष्ट्रीय कीमत के हिसाब से तेल खरीदना पड़ेगा, और सबसे बड़ी बात उसे इसकी कीमत डालर में चुकानी पड़ेगी। 


     वैसे अमेरिका यह चाहता है, कि भारत उससे तेल खरीदें ।  इसीलिए उसने यह चाल चली है।  जिसमें भारत कभी भी फंस सकता है।  


      हालांकि आम जनता को अभी तक मोदी ने रूस के सस्ते तेल का फायदा नहीं होने दिया है।  वो इस तेल को अंबानी की रिफायनरी व अडानी के मैन प्रोजेक्ट में ही इस्तेमाल करवा रहे थे।  आम पब्लिक को ऊंचे दाम में तेल बेचकर उसका खून चूस रहे थे।  


      इसीलिए करोड़ों भारतीयों की बददुआ मोदी को हर रोज लग रही थी।  जिसका नतीजा ये हुआ, कि अब अडानी व अंबानी को को भी सस्ता तेल नहीं मिल पायेगा। 


      रुस से सस्ता तेल भारत लेता ज़रूर था, पर आम व्यक्ति को एक पैसे का फायदा नहीं हो रहा था।  अब जब अमेरिका ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है,  तो आम जनता बढ़े हुए दाम का भार उठाकर इसे चुकायेगी ? 


      यानी दोनों तरफ से घाटा जनता का ही होगा। तेल सस्ता होगा, तो मोदी तेल के दाम सस्ते नहीं करेगें, और मंहगा होगा, तो तुरन्त दाम बढ़ा देगें। 


     अंबानी व अडानी के नुकसान की भरपाई मोदी कोई रियायती स्कीम लाकर अवश्य पूरी करेग।  आखिर बीजेपी पार्टी को मोटा चंदा जो देते है।   किन्तु यह लिख कर ले लो, आम जनता की भरपाई मोदी अपने जीवित रहते कभी नहीं करेगा।  


     इस सबके बावजूद भी पगलाई जनता जब हर सभा में   "मोदी-मोदी"  के नाम का नारा लगाती है, तो ऐसा लगता है, कि यह देश वाकई पूरी तरह "मूर्खिस्तानों का देश" बन चुका है।


 

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