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यमदेव के दर्शन (Yamde's vision)

 









At night, "he" was trying to sleep after having four pegs and four chickens with his best friend, when suddenly he felt that someone is slowly pulling his blanket. 


He woke up in a hurry and found that "Yama" himself was standing there with a stick in his hand. 


------ ...Maharaj......you? Is the game over? 


Your staff, mace and noose all disappeared? Straight... on the stick? 


-------- Yes human? The game was already over, that "virus" came in Chitragupt's file, that's why "misunderstandings" happened? I have brought the stick specially for you. 


------What...what...file Maharaj? 


------Hey fool, your file? In which it was written-------- "that the mother used to wash the utensils, fill water?" 


But the father's column is empty?  .....It got late in finding out.


-------- But ......M...Maharaj? I still have to serve the public a lot?


------ The public? Or that friend of mine?


Hey, if you had gone to the Guidance Board, you would have been saved? But you will have to be dragged to the "gates of hell"? Come on...?


------ No...... no I will not go? .... I will not....go?


-------- What are you saying Sir? Today you have to inaugurate the Vande train? Do you have to go on foreign trips for your friend and bring new "projects"? Do you have to impose more "GST" on the public? Inflation that no one can catch, employment that no one can see? Do you have to do all this? And you are shouting loudly that I will not go? ......I will not go?


--------- Hey......so I......?




हिन्दी रुपांतरण 


रात को "वह" जिगरी दोस्त के साथ चार पैग व चार मुर्गे चबाने के बाद अभी सोने की कोशिश ही कर रहा था, कि सहसा उसे लगा, कि कोई उसकी चादर आहिस्ता-आहिस्ता खींच रहा है ? 


      हड़बड़ाहट से तंद्रा टूटी, तो पाया, कि साक्षात  "यम" हाथ में डंडा लिये खड़े थे ? 

  ------  ... महाराज......आप ?   क्या खेल खत्म ?   

     आपका दण्ड , गदा और पाश सब गायब ?  सीधे.......ड... डंडे पर ? 


-------- हां मानव  ?   खेल तो पहले ही खत्म हो गया था,  वो चित्रगुप्त की फाइल में  "वायरस"  आ गया,  इसीलिए "मिसअंडरस्टैंडिंग्स"   हो गई ?   डंडा स्पेशल तेरे लिए लेकर आया हूं।  


------कै.....कैसी ... फाइल महाराज ? 


------अरे बुड़बक तेरी फाइल ?  जिसमें लिखा था--------" कि मां बर्तन मांझती थी, पानी भरती थी ?"   

    पर बाप के कालम खाली ?   .....बस पता लगाते-लगाते देर हो गई।  


-------- पर ......म...महाराज ?  मुझे जनता की अभी बहुत सेवा करनी है ? 


------ जनता की ?  या अपने उस मित्र की ? 

       अरे,  मार्गदर्शक मंडल में भी तू चला जाता, तो तेरा उद्धार हो जाता ?  पर तेरे को तो  "नरक द्वार" तक घसीटकर ही ले जाना पड़ेगा ?  चल...?


------ नहीं...... नहीं मैं नहीं जाऊंगा ?  .... मैं नहीं....जाऊंगा ?


--------  यह क्या कह रहे है सर ? आज तो आपको वंदे ट्रेन का उद्घाटन करना है ?  अपने मित्र के लिए विदेशी  यात्राएं  कर  नई-नई  "परियोजनायें"  लानी है ?  जनता पर और ज्यादा  "GST"  लगानी है ?   मंहगाई ऐसी, जिसे कोई पकड़ न पाये,  रोजगार ऐसे जिसे कोई देख न पाये ?  यह सब कुछ करना है ?  और आप जोर-जोर से चीख रहे है कि मैं नहीं जाऊंगा ? ......मैं नहीं जाऊंगा ?  


---------  हे......तो मैं......?


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