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Thursday, August 24, 2023

Chandrayaan-3 (चंद्रयान-3)


Today every country wants that it should have more and more high technology, so that it can convince other countries.

        The success of Chandrayaan-3 has filled the scientists of India with a new zeal and enthusiasm.  Now their next mission is towards the Sun.

       Our first Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru laid the foundation of "ISRO" on which the whole of India is feeling proud today.  After that, the whole world has saluted seeing the successes achieved by "ISRO".

      Earlier when Chandrayaan-2 failed, our Prime Minister Modi appeared with the scientists for a photo op, but after that he reduced the budget of "ISRO" in the subsequent year instead of increasing it.  From this the short sightedness of Prime Minister Modi can be assessed.  The people of India don't just address him as "illiterate"?  Rather, he himself is seen proving this point from time to time.

   Today, when Chandrayaan-3 became successful, the scientists and staff of our country would definitely like to ask Prime Minister Modi, why did you reduce the budget of "ISRO"?  And why have we been craving even for the salary for the last 17 months?

हिन्दी रुपांतरण

आज हर देश चाहता है, कि उसके पास ज्यादा से ज्यादा उच्च टेक्नोलॉजी हो, जिससे वो दूसरे देशों से अपना लोहा मनवा सकें।

       चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत के वैज्ञानिकों को एक नया जोश व उमंग से भर दिया है। अब उनका अगला मिशन सूर्य की ओर है।  

      जिस "इसरो" पर आज पूरा भारत गौरांवित महसूस कर रहा है, उसकी नींव हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी। उसके बाद "इसरो" ने जो कामयाबियां हासिल की, उसे देखकर पूरे विश्व ने सलाम किया है। 

     इससे पहले जब चंद्रयान-2 असफल हुआ था, तो हमारे प्रधानमंत्री मोदी फोटो खिंचवाने के लिए तो वैज्ञानिकों के साथ नजर आये थे, पर उसके बाद उन्होंने बाद के वर्ष में "इसरो" के बजट को बढ़ाने के स्थान पर कम कर दिया। इसी से प्रधानमंत्री मोदी की कम दूरदर्शिता का आंकलन किया जा सकता है । भारत की जनता उन्हें यों ही "अनपढ़" कहकर संबोधित नहीं करती ? बल्कि वो स्वयं समय-समय पर इस बात को सिद्ध करते नजर आते है। 

  आज जब चंद्रयान-3 सफल हो गया, तो हमारे देश के वैज्ञानिक व वहां का स्टाफ, प्रधानमंत्री मोदी से यह जरुर पूछना चाहेगा, कि क्यों आपने "इसरो" के बजट में कमीं की ? और क्यों हमें पिछले 17 महीनों से वेतन तक के लिए भी तरसा रखा है ?

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