King Manglu was inspecting the opportunity of "Darbhanga AIIMS", he had built this AIIMS on the lines of King Yudhishthira's palace, that is, wherever the AIIMS building should have been visible, there was a feeling of having farm-barn. . All the sycophants of the palace were rubbing their eyes again and again looking at that wonderful building, and the king was praising Manglu for the construction of this unique AIIMS building.
Home Minister --- Maharaj, you have done wonders? Such a transparent building has been constructed, that people will no longer come to see "Taj Mahal" but this unique wonder of yours. Have you given leave to Shahjahan?
Raja Manglu --- (controlling giggles) --- Mr. Home Minister, I was also trying to explain here for so many days, that what is visible to all of you, why is it not visible to the opposition?
Home Minister --- Maharaj, has there been a cataract in the eyes of the opposition? In fact, the entire opposition is blind to monsoon, that's why it now sees only fields and barns everywhere.
Raja Manglu -- Home Minister, then get the entire opposition's eyes operated in this AIIMS.
Home Minister -- (suppressing anger inside) --- Maharaj, after throwing, there are also those who need to wrap? ...... I mean, sir, it is time for your rest.
And after Raja Manglu went to rest, the Home Minister took a breath of peace while drinking a glass of water.
हिन्दी रुपांतरण
राजा मंगलू "दरभंगा एम्स" का मौका मुआयना कर रहा था, उसने इस एम्स का निर्माण राजा युधिष्ठिर के महल की तर्ज पर करवाया था, यानि जहां-जहां एम्स बिल्डिंग दिखाई देनी चाहिए थी, वहां-वहां खेत-खलिहान होने का आभास होता था। महल के सभी चाटुकार व्यक्ति उस अद्भुत बिल्डिंग को देखकर बार-बार अपनी आंखों को मल रहे थे, और राजा मंगलू के इस अद्वितीय एम्स बिल्डिंग के निर्माण पर उनको दाद दे रहे थे।
गृहमंत्री --- (खिसियानी हंसी हंसते हुए)---महाराज, आपने तो कमाल ही कर दिया ? ऐसी पारदर्शी बिल्डिंग का निर्माण करवाया है, कि लोग अब "ताजमहल" को नहीं, बल्कि आपके इस नायाब अजूबे को देखने आयेगें। शाहजहां की तो छुट्टी कर दी आपने ?
राजा मंगलू---(खीसी निपोरते हुए)---गृहमंत्री जी, मैं भी तो इतने दिनों से यहीं समझाने की कोशिश कर रहा था, कि जो आप सबको दिखाई दे रहा है, वह विपक्ष को क्यों नहीं देखाई दे रहा ?
गृहमंत्री ---महाराज, विपक्ष की आंखों में तो मोतियाबिंद हो गया है ? दरअसल पूरा विपक्ष ही सावन का अंधा है, इसलिए उसे अब हर जगह खेत-खलिहान ही दिखाई देते है।
राजा मंगलू-- गृहमंत्री जी, तो पूरे विपक्ष की आंखों का आपरेशन भी इसी एम्स में करवा दो।
गृहमंत्री -- ( अंदर ही अंदर गुस्सा दबाते हुए) ---महाराज, फेंकनें के बाद लपेटने वाले भी चाहिए होते है ? ......मेरा मतलब है महाराज, आपके विश्राम का समय हो गया है।
और राजा मंगलू के विश्राम पर जाने के बाद गृहमंत्री ने पानी का गिलास पीते हुए कुछ चैन की सांस ली।
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