As soon as King Manglu ordered the “central courtiers” to go to the state and contest elections in the court? Just like that, there was complete silence in the entire court. All the courtiers were looking at each other's faces. Some of the courtiers present seemed as if a snake had smelled it? If you cut them, there will be no blood? On hearing the order, did the central courtier Tomar almost fall from his throne?
The courtiers were sure that Raja Manglu was "illiterate", but now even a graduate would sit for the high school examination? This was not expected.
As it used to happen, the same thing happened, after hearing the decision everyone started cheering Raja Manglu and called the decision a masterstroke. After this the proceedings of the meeting were ended.
-------Next Scene ---------
(Time 9-10 pm---Chief Darbari Tomar's house---- Jam in his hands------ along with a friend)
Tomar - (in a wavering voice) - He...he...he...he...considers himself a bastard? Will anyone from anywhere ask us to contest elections? Will we reach there? Would you like to contest the Prime Minister's election tomorrow? .....So...he...will...also...have to...fight...?
Friend---stop it, Tomar Saheb, stop it? You have already drunk enough, I will not let you drink any more?
Tomar---(in a wavering voice)---No... No... No..
Don't stop today? Drink to your heart's content today? ,
I really want to give up my life by drowning in this traffic jam right now. ?
....people at home used to say? ... Now I have become a central courtier... are you having fun... have you come... you bastard? ......hour.....is...done...? Now what will people say?
Listen…people…go…from…down…up…and…there is…one…us. ....from above..down...coming...is....hucch....hucch.....hucch....?
Friend---Tomar Saheb, I think you should rest now?
Tomar----Yes...you...go.....?...I am...sent...here...to...rest...only.. .?
(Just then the jam falls from Tomar's hands and he falls into sleep.)
...Khrr...Khrr...Khrr.
,
हिन्दी रुपांतरण
राजा मंगलू ने जैसे ही भरे दरबार में "केन्द्रीय दरबारियों" को राज्य में जाकर चुनाव लड़ने का फरमान सुनाया ? वैसे ही पूरे दरबार में एकदम से सन्नाटा पसर गया ? सभी दरबारी एक दूसरे की शक्लें ताक रहे थे। दरबारियों को तो जैसे सांप सूंघ गया था ? उन्हें काटो तो खून नहीं ? फरमान सुनकर केन्द्रीय दरबारी तोमर तो अपने सिंहासन से गिरते-गिरते बचे ?
दरबारियों को राजा मंगलू के "अनपढ़" होने का तो पूरा यकीन था, परन्तु अब ग्रेजुएट व्यक्ति भी हाईस्कूल की परीक्षा में बैठेगा ? यह उम्मीद नहीं थी।
जैसा कि होता आया था, वहीं हुआ, फैसला सुनने के बाद सभी ने राजा मंगलू के जयकारे लगाये, और फैसले को मास्टरस्ट्रोक बताया। इसके बाद सभा की कार्यवाही समाप्त कर दी गई।
-------अगला दृश्य ---------
( रात 9-10 बजे का समय--- मुख्य दरबारी तोमर का घर---- उनके हाथों में जाम------ साथ में एक मित्र )
तोमर--( लडखड़ाती आवाज में)-...वो....वो.....वो .....अपने आपको समझता.. क्या....है.... साला ? कहीं...से भी .... चुनाव...लड़ने...को ..बोलेगा, हम.. पहुंच...जायेगें ? कल...को .. प्रधानी...का .. चुनाव.. लड़ने...को ..बोलेगा ? .....तो...वो... ...भी......लड़ना...पड़ेगा ...?
मित्र----बस करों, तोमर साहब बस करों ? आपने पहले ही बहुत पी रखी है, अब और आपको नहीं पीने दूंगा ?
तोमर---(लड़खड़ती आवाज में)---नहीं.... नहीं..... नहीं..
......आज मत.... रोको ..?.....आज जी भरकर.....के....पी ...लेने.. दो ? ...
.. जी तो ...चाहता है......इसी ....जाम में.....अभी... डूबकर...अपनी...जान......दे.. दें ?
....घर के.... लोग कहते थे ? ... अब तो केंद्रीय दरबारी.......बन गये..... हो....?..मजे....आ...गये.....?....साला......घंटा.....बन....गये.....है.? ..अब क्या.....कहेगें ....लोग...... ?
सुन.......लोग...नीचे...से.. ऊपर...जाते..है ?...और... ......एक ...हम ..है.....ऊपर से ..नीचे... आ...रहे ...है.... हुच्च.... हुच्च ..... हुच्च....?
मित्र---तोमर साहब, मुझे लगता है, अब आपको आराम करना चाहिए ?
तोमर----हां...तू...जा.....?.... आराम...ही तो..करने.... यहां...भेजा .....है ...?
(तभी तोमर के हाथों से जाम छूट के गिर पड़ता है, और वो नींद के आगोश में चले जाते है। )
...खर्र....खर्र...खर्र।
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दरबारियों को राजा मंगलू के "अनपढ़" होने का तो पूरा यकीन था, परन्तु अब ग्रेजुएट व्यक्ति भी हाईस्कूल की परीक्षा में बैठेगा ? यह उम्मीद नहीं थी।
जैसा कि होता आया था, वहीं हुआ, फैसला सुनने के बाद सभी ने राजा मंगलू के जयकारे लगाये, और फैसले को मास्टरस्ट्रोक बताया। इसके बाद सभा की कार्यवाही समाप्त कर दी गई।
-------अगला दृश्य ---------
( रात 9-10 बजे का समय--- मुख्य दरबारी तोमर का घर---- उनके हाथों में जाम------ साथ में एक मित्र )
तोमर--( लडखड़ाती आवाज में)-...वो....वो.....वो .....अपने आपको समझता.. क्या....है.... साला ? कहीं...से भी .... चुनाव...लड़ने...को ..बोलेगा, हम.. पहुंच...जायेगें ? कल...को .. प्रधानी...का .. चुनाव.. लड़ने...को ..बोलेगा ? .....तो...वो... ...भी......लड़ना...पड़ेगा ...?
मित्र----बस करों, तोमर साहब बस करों ? आपने पहले ही बहुत पी रखी है, अब और आपको नहीं पीने दूंगा ?
तोमर---(लड़खड़ती आवाज में)---नहीं.... नहीं..... नहीं..
......आज मत.... रोको ..?.....आज जी भरकर.....के....पी ...लेने.. दो ? ...
.. जी तो ...चाहता है......इसी ....जाम में.....अभी... डूबकर...अपनी...जान......दे.. दें ?
....घर के.... लोग कहते थे ? ... अब तो केंद्रीय दरबारी.......बन गये..... हो....?..मजे....आ...गये.....?....साला......घंटा.....बन....गये.....है.? ..अब क्या.....कहेगें ....लोग...... ?
सुन.......लोग...नीचे...से.. ऊपर...जाते..है ?...और... ......एक ...हम ..है.....ऊपर से ..नीचे... आ...रहे ...है.... हुच्च.... हुच्च ..... हुच्च....?
मित्र---तोमर साहब, मुझे लगता है, अब आपको आराम करना चाहिए ?
तोमर----हां...तू...जा.....?.... आराम...ही तो..करने.... यहां...भेजा .....है ...?
(तभी तोमर के हाथों से जाम छूट के गिर पड़ता है, और वो नींद के आगोश में चले जाते है। )
...खर्र....खर्र...खर्र।
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